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Bagru Print बगरू प्रिंट, Rajasthan

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बगरू  राजस्थान  में हस्त ब्लॉक प्रिंटिंग के प्रसिद्ध केंद्रों में से एक है। बगरू प्रिंटिंग  एक पारंपरिक प्रिंटिंग तकनीक है जो प्राकृतिक रंगों का उपयोग करके की जाती है। यह राजस्थान के एक सुदूर शहर में  'छीपा' समुदाय  द्वारा प्रचलित एक शिल्प है। यह क्षेत्र दो प्रकार के प्रिंटों के लिए लोकप्रिय है:  डब्बू प्रिंट और सेयाली-बगरू प्रिंट। बगरू छपाई आमतौर पर  नीले या काले रंग के पृष्ठाधार  पर की जाती है। सेयाली-बगरू मुद्रित कपड़े अपने विशिष्ट काले और पीले गेरू/क्रीम रंग संयोजन के लिए जाने जाते हैं। दूसरी ओर, डब्बू प्रिंट एक विशेष प्रतिरोध तकनीक (प्रिंट को डाई से छिपाकर) का उपयोग करके बनाए जाते 2012 में बगरू हैंडब्लॉक प्रिंट को Geographic indication मिल चुका है  बगरू प्रिंट प्राकृतिक रंगों का उपयोग करके हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग का एक रूप है, जिसका अभ्यास भारत के बगरू में चिप्पस (100 से अधिक वर्षों से कपड़े पर छपाई की परंपरा में शामिल) द्वारा किया जाता है।  बगरू के इन प्रिंट्स को पूरी दुनिया में सराहा जाता है।  बगरू के प्रिंट, अन्य प्रिंटों के विपरीत, एक अलग प्रकार की छपाई शामिल करत

राजस्थान अपवाह तंत्र : Quizzes

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Name और register number अपनी इच्छा अनुसार डाल सकते हो जैसे (name - ags, Register n. 16) Quiz Next  

जैसलमेर किला, Jaisalmer fort

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(गढ़ दिल्ली, गढ़ आगरो,भल अधगढ़ बीकानेर भलो चिणायो भाटियां, सिरजे तो जैसलमेर)  जैसलमेर के विशाल रेगिस्तान में जैसलमेर दुर्ग जिसे सोनार का किला  , स्वर् नाम से विश्व में जाना जाता है, किसी तिलिस्म व आश्चर्यलोक सा लगता है। रेत के अथाह समन्दर के बीच बने इस स्वप्न महल को देखकर मन में हैरत भरी जिज्ञासा जाग उठती है, कि आखिर वे कौनसे कारण व आकर्षण होंगे, जिसके वशीभूत हो भाटी राजा जैसल ने इस वीराने में अपना यह स्वप्न महल बनाया। जैसलमेर बलुवे पत्थरों के लिए भी प्रसिद्ध है। इसी बलुवे पत्थरों से यहाँ का किला व अन्य भवन बने है। जब इन पत्थरों पर सूर्य की पहली किरणे पड़ती है तो वे इस नगर में बनी इमारतों व किले को अनोखा सौन्दर्य प्रदान कर स्वर्णिम आभा बिखेरती है। शायद इसी खासियत से इस किले को सोनार का किला व जैसलमेर को स्वर्ण नगरी कहा जाता है। जैसलमेर से पूर्व इस क्षेत्र की राजधानी लोद्रवा को यवन सैनिकों द्वारा उजाड़ देने के व यवनों के जाने के बाद जैसलदेव लोद्रवा का राजा बने। उन्होंने सुरक्षा की दृष्टि से एक ऋषि की सलाह पर यहाँ यह किला बनाकर अपने नाम पर जैसलमेर नगर बसाया। इस किले की नींव 12 ज